Sarkari Loan Scheme 2025: आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसका खुद का बिजनेस हो, पर अक्सर पैसों की कमी लोगों के सपनों के बीच दीवार बन जाती है। लेकिन अगर आप वाकई में अपने आइडिया को बिजनेस में बदलना चाहते हैं, तो मोदी सरकार की कई योजनाएं (Business Loan Schemes) आपके लिए बड़ा सहारा साबित हो सकती हैं। सरकार ने छोटे व्यापारियों, महिलाओं, युवाओं और स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के लिए कई तरह की लोन योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे बिना ज्यादा झंझट के बिजनेस शुरू करने के लिए पैसा मिल सकता है। अगर आप भी अपना बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं या पहले से चला रहे हैं और विस्तार करना चाहते हैं, तो ये योजनाएं आपके लिए सुनहरा मौका हैं।
नीचे हम मोदी सरकार की टॉप 5 बिजनेस लोन स्कीम के बारे में विस्तार से जानेंगे ताकि आप समझ सकें कि आपके बिजनेस के लिए कौन-सी योजना सबसे बेहतर साबित हो सकती है।
Table of Contents
1. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana – PMMY)
यह योजना छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सरकार 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन देती है, वो भी बिना किसी गारंटी के। इसका मकसद है छोटे व्यापारियों को वित्तीय मदद देना ताकि वे अपने काम को बढ़ा सकें या नया बिजनेस शुरू कर सकें।
मुद्रा लोन को तीन कैटेगरी में बांटा गया है – शिशु, किशोर और तरुण।
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शिशु लोन उन लोगों के लिए है जो अभी बिजनेस शुरू कर रहे हैं (50,000 रुपये तक)। 
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किशोर लोन उन लोगों को मिलता है जिनका बिजनेस चल रहा है लेकिन उसे आगे बढ़ाना है (50,000 से 5 लाख तक)। 
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तरुण लोन बड़े स्तर पर काम करने वालों के लिए है (5 से 10 लाख तक)। 
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ब्याज दरें काफी कम होती हैं और प्रोसेस आसान है। देशभर के लगभग सभी बैंक और फाइनेंशियल संस्थान इस योजना के तहत लोन देते हैं।
2. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (Prime Minister Employment Generation Programme – PMEGP)
अगर आप नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं और रोजगार के अवसर भी पैदा करना चाहते हैं, तो PMEGP स्कीम आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है। इस योजना के तहत सरकार आपको 25 लाख रुपये तक का लोन देती है मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए, और 10 लाख रुपये तक का लोन सर्विस सेक्टर के लिए।
इसमें खास बात यह है कि सरकार लोन का एक हिस्सा सब्सिडी के रूप में माफ कर देती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में 35% तक और शहरी क्षेत्रों में 25% तक हो सकती है। यह योजना खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा संचालित की जाती है।
इस स्कीम का उद्देश्य सिर्फ फाइनेंशियल सपोर्ट देना नहीं है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना भी है। अगर आप 18 साल से ऊपर हैं और आपके पास कोई प्रोजेक्ट आइडिया है, तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
3. स्टैंड अप इंडिया योजना (Stand-Up India Scheme)
यह योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जो समाज के कमजोर वर्गों से आते हैं या महिलाएं हैं और खुद का बिजनेस शुरू करना चाहती हैं। Stand-Up India स्कीम के तहत 10 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का लोन मिल सकता है।
इसका मकसद है कि हर बैंक शाखा कम से कम एक महिला उद्यमी या अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति को लोन दे, ताकि वे अपने बिजनेस की शुरुआत कर सकें।
लोन की राशि बिजनेस की जरूरत के हिसाब से दी जाती है और इसे 7 साल में चुकाना होता है। यह योजना न सिर्फ पूंजी उपलब्ध कराती है बल्कि बैंक की ओर से बिजनेस गाइडेंस भी दी जाती है ताकि व्यक्ति अपने प्रोजेक्ट को सही दिशा में आगे बढ़ा सके।
4. क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE)
यह योजना उन लोगों के लिए है जो बिजनेस तो करना चाहते हैं लेकिन गारंटी या सिक्योरिटी की कमी के कारण बैंक से लोन नहीं ले पाते। CGTMSE स्कीम में सरकार बैंकों को यह गारंटी देती है कि अगर उधारकर्ता लोन नहीं चुका पाता, तो बैंक को नुकसान नहीं होगा।
इसका फायदा यह है कि बैंक बिना किसी कोलैटरल के भी बिजनेस लोन दे देते हैं। इस स्कीम के तहत 2 करोड़ रुपये तक का लोन मिल सकता है।
यह योजना खासतौर पर माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) के लिए बनाई गई है, ताकि देश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके और लोगों को रोजगार के मौके मिलें।
5. स्टार्टअप इंडिया योजना (Startup India Scheme)
अगर आपके पास कोई इनोवेटिव आइडिया है और आप उसे बिजनेस में बदलना चाहते हैं, तो स्टार्टअप इंडिया योजना आपके सपनों को हकीकत में बदल सकती है। यह योजना 2016 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य भारत में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देना है।
इस स्कीम के तहत सरकार टैक्स में छूट, आसान लोन उपलब्धता और मेंटरशिप जैसी कई सुविधाएं देती है। जो लोग टेक्नोलॉजी, इनोवेशन या यूनिक आइडिया पर काम करना चाहते हैं, उनके लिए यह योजना सबसे उपयोगी है।
इसमें लोन की कोई निश्चित सीमा नहीं है, लेकिन सरकार और बैंक मिलकर स्टार्टअप्स को उनकी जरूरत के मुताबिक फाइनेंशियल मदद उपलब्ध कराते हैं। साथ ही, स्टार्टअप्स को कई सरकारी कार्यक्रमों और निवेशकों से जोड़ने का भी काम किया जाता है ताकि वे तेजी से आगे बढ़ सकें।
